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Aravalli Parvat – The Oldest Mountain Range of India

अरावली पर्वत श्रृंखला भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है। भूवैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार इसकी आयु लगभग 3.2 अरब वर्ष है, जो इसे हिमालय से भी कई गुना पुराना बनाती है।

अरावली पर्वत से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Facts)

  • अरावली पर्वत की आयु: लगभग 3.2 अरब वर्ष
  • लंबाई: लगभग 800 किलोमीटर
  • विस्तार: गुजरात से दिल्ली तक
  • सबसे ऊँची चोटी: गुरु शिखर (1,722 मीटर)
  • स्थिति: राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली
  • पर्वत का प्रकार: प्राचीन मोड़दार पर्वत (Fold Mountains)

अरावली कहाँ से कहाँ तक फैली है?

अरावली पर्वत श्रृंखला गुजरात के पालनपुर से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैली हुई है। दिल्ली का प्रसिद्ध Delhi Ridge भी अरावली का ही हिस्सा है।

हिमालय और अरावली में अंतर

हिमालय युवा पर्वत हैं जो आज भी ऊपर उठ रहे हैं, जबकि अरावली पर्वत अत्यंत प्राचीन हैं और करोड़ों वर्षों के क्षरण (erosion) के कारण अब अपेक्षाकृत कम ऊँचे रह गए हैं।

थार मरुस्थल के खिलाफ प्राकृतिक दीवार

अरावली पर्वत का सबसे बड़ा योगदान यह है कि यह थार मरुस्थल को पूर्वी भारत की ओर फैलने से रोकता है।

  • मरुस्थलीकरण को रोकता है
  • राजस्थान और हरियाणा में वर्षा को संतुलित करता है
  • उत्तर भारत की जलवायु को स्थिर रखता है

जल संरक्षण में भूमिका

अरावली पर्वत भूजल पुनर्भरण (Groundwater Recharge) में अहम भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में स्थित पहाड़ और चट्टानें वर्षा जल को रोककर उसे धरती के भीतर जाने में मदद करती हैं।

जैव विविधता (Biodiversity)

अरावली पर्वत क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं, जो कई जीवों का घर हैं।

  • तेंदुआ (Leopard)
  • लकड़बग्घा (Hyena)
  • नीलगाय
  • सियार
  • 300+ पक्षी प्रजातियाँ

खनिज संसाधनों का भंडार

अरावली पर्वत खनिजों से समृद्ध है:

  • तांबा
  • जस्ता
  • सीसा
  • संगमरमर

इन्हीं संसाधनों के कारण यहाँ बड़े पैमाने पर खनन हुआ, जिसने पर्वत श्रृंखला को गंभीर नुकसान पहुँचाया।

मानव सभ्यता और अरावली

इतिहासकारों के अनुसार अरावली क्षेत्र के आसपास ही प्राचीन मानव बस्तियाँ विकसित हुईं। यह पर्वत:

  • पानी उपलब्ध कराता था
  • खनिज संसाधन देता था
  • प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता था

वर्तमान में सबसे बड़ा खतरा

आज अरावली पर्वत गंभीर संकट में है:

  • अवैध खनन
  • वनों की कटाई
  • शहरीकरण
  • निर्माण गतिविधियाँ

अगर अरावली नष्ट हो गई तो?

वैज्ञानिक चेतावनी देते हैं कि:

  • दिल्ली और NCR क्षेत्र रेगिस्तान में बदल सकता है
  • भूजल स्तर तेजी से गिर जाएगा
  • उत्तर भारत की जलवायु असंतुलित हो जाएगी

अरावली – भारत का मौन प्रहरी

अरावली पर्वत शोर नहीं करता, लेकिन अरबों वर्षों से भारत की रक्षा कर रहा है। यह पर्वत हमें सिखाता है कि प्रकृति की सबसे बड़ी ताकत उसकी चुप्पी में छिपी होती है।

अरावली सिर्फ पहाड़ नहीं है— यह भारत की पर्यावरणीय रीढ़ है, और इसे बचाना हमारे भविष्य को बचाने जैसा है।