आज भारतीय मूल के लोग या भारतीय प्रवासी दुनिया के अधिकतर देशों में पाए जा सकते हैं, क्योंकि भारतीय समुदाय दुनिया के लगभग हर कोने में पहुंच चुका है। फिर भी कुछ देश ऐसे हैं जहां भारतीयों की मौजूदगी बहुत कम है या बिल्कुल नहीं है। इस सवाल का जवाब अधिकांश लोगों को पता नहीं होगा। दरअसल, यह देश है वेटिकन सिटी।
वेटिकन सिटी दुनिया भर के लाखों रोमन कैथोलिकों के लिए आध्यात्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है, और यहां पर स्थायी रूप से कोई भारतीय नहीं रहता है। रोम के मध्य में स्थित वेटिकन सिटी, दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र राज्य है। यह कैथोलिक चर्च और वेटिकन सिटी का आध्यात्मिक केंद्र है, और यहां सेंट पीटर बेसिलिका और वेटिकन संग्रहालय जैसे प्रतिष्ठित स्थल हैं। यहां भारतीय पर्यटक के रूप में आ सकते हैं, लेकिन यहां भारतीय निवासी नहीं हैं।
इस देश की जनसंख्या केवल 500-600 के करीब है, जो इसे आबादी के लिहाज से सबसे छोटा देश बनाती है। इसके अलावा, इटली के एपिनेन पर्वत में स्थित सैन मैरिनो दुनिया के सबसे पुराने गणराज्यों में से एक है। यह खूबसूरत माइक्रोस्टेट अपनी भव्य वास्तुकला, सुंदर दृश्यों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहां भारतीयों सहित दुनिया भर से पर्यटक आते हैं, लेकिन यहां भारतीय आबादी बहुत ही कम है।
उत्तर कोरिया में भी भारतीयों की उपस्थिति लगभग न के बराबर है और इसके कई कारण हैं। उत्तर कोरिया एक सख्त सत्तावादी शासन वाला देश है, और यहां की सरकार ने विदेशी नागरिकों और प्रवासियों के लिए कड़े नियम बनाए हैं, जो बाहरी लोगों के यहां बसने या काम करने में बाधा डालते हैं।
भारत और उत्तर कोरिया के बीच राजनयिक संबंध हैं, लेकिन सांस्कृतिक और प्रवासी संपर्क सीमित है। भारतीयों के लिए यहां रोजगार के अवसर सीमित हैं, और कठोर सामाजिक व्यवस्था के कारण बाहरी लोगों के लिए यहां बसना और भी कठिन हो जाता है। इसके अलावा, उत्तर कोरिया में इंटरनेट और संचार पर सख्त प्रतिबंध हैं, जो बाहरी देशों के लोगों के लिए वहां रहना चुनौतीपूर्ण बना देते हैं।
इस प्रकार, उत्तर कोरिया उन कुछ देशों में से एक है जहां भारतीय समुदाय की उपस्थिति नगण्य है।