पक्षी को करंट क्यों नहीं लगता

यह सवाल थोड़ा वैज्ञानिक है, और इसका जवाब कुछ खास सिद्धांतों पर आधारित है। जब भी कोई जीवित प्राणी, जैसे इंसान, करंट के संपर्क में आता है, तो करंट उसके शरीर के माध्यम से बहता है। अगर शरीर का प्रतिरोध (resistance) कम होता है, तो करंट ज्यादा बहता है, जिससे चोट लग सकती है या मौत भी हो सकती है।

पक्षियों को करंट लगने से बचने के कुछ प्रमुख कारण

1. पक्षी केवल एक तार से जुड़ी होती है

जब पक्षी किसी बिजली के तार पर बैठा होता है, तो उसका शरीर उस तार से जुड़ा रहता है, लेकिन ज़मीन से नहीं। करंट तभी बहता है जब दो अलग-अलग स्थानों के बीच विद्युत आवेश (electric potential) का अंतर होता है, जैसे एक तार और ज़मीन के बीच।

उदाहरण: अगर आप एक तार को छूते हैं और दूसरा तार या ज़मीन को भी छूते हैं, तो आपके शरीर से करंट बहने लगता है, क्योंकि आपका शरीर एक सर्किट बना लेता है। लेकिन जब पक्षी सिर्फ एक ही तार पर बैठा होता है, तो उसका शरीर ज़मीन से जुड़ा नहीं होता, इसलिये करंट का बहाव नहीं होता।

2. उच्च प्रतिरोध (High Resistance)

पक्षियों का शरीर स्वाभाविक रूप से ज्यादा प्रतिरोध (resistance) करता है। अगर करंट उनके शरीर में बहने की कोशिश करता है, तो यह प्रतिरोध करंट को बहने से रोकता है। जब पक्षी केवल एक ही तार पर बैठता है, तो करंट के बहाव के लिए कोई रास्ता नहीं होता।

3. कोई विद्युत आवेश अंतर (Potential Difference) नहीं होता

करंट तब बहता है जब दो बिंदुओं के बीच विद्युत आवेश का अंतर (potential difference) होता है। जब पक्षी सिर्फ एक ही तार पर बैठा होता है, तो उस तार के दोनों हिस्सों के बीच कोई आवेश अंतर नहीं होता। इसका मतलब है कि करंट का बहाव नहीं हो पाता।

4. करंट का रास्ता

करंट को एक पूरा सर्किट बनाकर बहना होता है। अगर पक्षी सिर्फ एक तार पर बैठा है और दूसरा तार या ज़मीन से कोई संपर्क नहीं है, तो करंट का कोई रास्ता नहीं बन पाता। इस वजह से पक्षी को करंट नहीं लगता।

निष्कर्ष

पक्षी को करंट इसलिये नहीं लगता, क्योंकि जब वह बिजली के तार पर बैठता है, तो वह केवल उसी तार से जुड़ा होता है और ज़मीन से उसका संपर्क नहीं होता। इसलिये करंट का बहाव नहीं होता। लेकिन, अगर पक्षी दूसरे तार को छूने लगता है या ज़मीन से जुड़ता है, तो करंट उसके शरीर से बह सकता है, जो उसे गंभीर रूप से नुकसान पहुँचा सकता है।