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अरावली पर्वत श्रृंखला भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है। भूवैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार इसकी आयु लगभग 3.2 अरब वर्ष है, जो इसे हिमालय से भी कई गुना पुराना बनाती है।
अरावली पर्वत श्रृंखला गुजरात के पालनपुर से शुरू होकर राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैली हुई है। दिल्ली का प्रसिद्ध Delhi Ridge भी अरावली का ही हिस्सा है।
हिमालय युवा पर्वत हैं जो आज भी ऊपर उठ रहे हैं, जबकि अरावली पर्वत अत्यंत प्राचीन हैं और करोड़ों वर्षों के क्षरण (erosion) के कारण अब अपेक्षाकृत कम ऊँचे रह गए हैं।
अरावली पर्वत का सबसे बड़ा योगदान यह है कि यह थार मरुस्थल को पूर्वी भारत की ओर फैलने से रोकता है।
अरावली पर्वत भूजल पुनर्भरण (Groundwater Recharge) में अहम भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में स्थित पहाड़ और चट्टानें वर्षा जल को रोककर उसे धरती के भीतर जाने में मदद करती हैं।
अरावली पर्वत क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं, जो कई जीवों का घर हैं।
अरावली पर्वत खनिजों से समृद्ध है:
इन्हीं संसाधनों के कारण यहाँ बड़े पैमाने पर खनन हुआ, जिसने पर्वत श्रृंखला को गंभीर नुकसान पहुँचाया।
इतिहासकारों के अनुसार अरावली क्षेत्र के आसपास ही प्राचीन मानव बस्तियाँ विकसित हुईं। यह पर्वत:
आज अरावली पर्वत गंभीर संकट में है:
वैज्ञानिक चेतावनी देते हैं कि:
अरावली पर्वत शोर नहीं करता, लेकिन अरबों वर्षों से भारत की रक्षा कर रहा है। यह पर्वत हमें सिखाता है कि प्रकृति की सबसे बड़ी ताकत उसकी चुप्पी में छिपी होती है।
अरावली सिर्फ पहाड़ नहीं है— यह भारत की पर्यावरणीय रीढ़ है, और इसे बचाना हमारे भविष्य को बचाने जैसा है।