🔬 क्या कहता है शोध?
इस शोध को मरीन इकोलॉजिस्ट एंड्रू स्वीटमैन ने किया था। उन्होंने Clarion Clipperton Zone (Pacific Ocean) के समुद्री तल से कुछ नमूने इकट्ठे किए, जिनमें Manganese, Nickel और Cobalt जैसी धातुएं मौजूद थीं।
⚡ क्या गांठें खुद से इलेक्ट्रोलिसिस कर सकती हैं?
शोध के अनुसार, यह धातुयुक्त गांठें समुद्री जल में करंट उत्पन्न कर सकती हैं, जिससे Electrolysis की प्रक्रिया होती है और पानी Hydrogen और Oxygen में विभाजित हो जाता है।
❓ वैज्ञानिक क्यों कर रहे हैं इस खोज पर सवाल?
शोध प्रकाशित होने के बाद कई वैज्ञानिकों ने इसकी वैधता पर सवाल उठाए।
🚫 1️⃣ स्पष्ट प्रमाणों की कमी
Geomar Helmholtz Centre for Ocean Research के वैज्ञानिक Matthias Haeckel का कहना है कि इस शोध में पर्याप्त वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं।
💨 2️⃣ उपकरणों में फंसी हवा?
फ्रांस के National Institute for Ocean Science के वैज्ञानिक Olivier Rouxel ने संदेह जताया कि उपकरणों में फंसे हवा के बुलबुले को गलती से ऑक्सीजन के रूप में मापा गया हो सकता है।
🔋 3️⃣ लाखों साल पुरानी गांठें अभी भी करंट कैसे बना रही हैं?
रिसर्चर्स का कहना है कि बैटरियों में करंट जल्दी खत्म हो जाता है, तो फिर ये समुद्री गांठें आज भी बिजली कैसे उत्पन्न कर रही हैं?
⚠️ इस रिसर्च के पीछे था खनन कंपनी का फंड
स्वीटमैन की इस खोज को कनाडा की 'The Metals Company' ने फंड किया था। यह कंपनी Deep-Sea Mining करती है और समुद्र में खनन के प्रभावों का मूल्यांकन कर रही थी।
💰 क्या यह खोज व्यावसायिक हितों से प्रेरित थी?
कंपनी ने भी इस शोध की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें “प्रणाली संबंधी दोष” हैं।
📝 क्या अब यह खोज गलत साबित हो चुकी है?
स्वीटमैन ने कहा कि वो अपनी खोज पर औपचारिक प्रतिक्रिया तैयार कर रहे हैं। उनका मानना है कि वैज्ञानिक बहस से ही नए तथ्य सामने आते हैं।
क्या यह शोध सच म