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रहस्यमयी (mysterious) एंटीथाइकीथेरा मैकेनिज्म: खिलौना (toy) या प्राचीन तकनीक (ancient technology) का चमत्कार (marvel)?

एंटीथाइकीथेरा मैकेनिज्म एक 2,000 साल पुराना यंत्र (device) है, जो वैज्ञानिकों (scientists) को दशकों (decades) से हैरान करता आ रहा है। लेकिन अब एक नई रिसर्च (research) में इसका रहस्य (mystery) हल होता नजर आ रहा है — और इस रहस्य की कुंजी (key) है इसके त्रिकोणीय (triangle-shaped) दांत (teeth)।

यह यंत्र 1901 में ग्रीस के पास समुद्र में एक जहाज के मलबे (wreck) से मिला था। कई सालों तक वैज्ञानिकों का मानना था कि यह एक खगोलीय यंत्र (astronomical device) है। इसमें एक हैंड क्रैंक (hand crank), कई गियर (gears) और विभिन्न सूचक (indicators) हैं। यह यंत्र सूर्य (sun), चंद्रमा (moon) और ग्रहों (planets) की स्थिति (position), सूर्यग्रहण (solar eclipse) और चंद्रग्रहण (lunar eclipse) की भविष्यवाणी (prediction), और ग्रीक तथा मिस्री कैलेंडर (Greek and Egyptian calendars) के अनुसार तारीख (date) बताने में सक्षम (capable) था।

लेकिन सवाल है — क्या ये सच में इतना सटीक (accurate) था?

अगर यह यंत्र बहुत अधिक सटीक था, तो यह राजाओं के दरबार (royal courts) में भविष्य बताने वाले ज्योतिषियों (astrologers) के लिए बना होगा। लेकिन अगर इसमें बार-बार गड़बड़ी (malfunction) आती थी या यह जल्दी जाम (jam) हो जाता था, तो शायद यह एक शैक्षिक मॉडल (educational model) या केवल एक शानदार खिलौना (fancy toy) भर था।

समस्या (problem) ये है कि ये यंत्र 2,000 साल तक समुद्र की गहराई में पड़ा रहा, जिससे इसके गियर खराब हो गए हैं और कई हिस्से (parts) गायब (missing) हैं।

अब त्रिकोणीय दांतों ने खोला राज़ (revealed the secret)

1 अप्रैल को arXiv पर प्रकाशित (published) एक नए अध्ययन (study) में अर्जेंटीना के वैज्ञानिकों ने एक कंप्यूटर सिमुलेशन (computer simulation) तैयार किया। इस बार उन्होंने खास ध्यान दिया गियर के त्रिकोणीय दांतों (triangle-shaped gear teeth) पर, जो पहले अनदेखा (ignored) कर दिया गया था।

इस मॉडल से पता चला कि यंत्र को जब घुमाया जाता था, तो ये सिर्फ चार महीने तक ही ठीक से काम करता था। इसके बाद या तो ये जाम (jam) हो जाता था या इसके गियर अलग हो जाते थे। इसके बाद उपयोगकर्ता (user) को सब कुछ दोबारा सेट (reset) करना पड़ता था — बिल्कुल वैसे जैसे आज के प्रिंटर (printer) में बार-बार एरर (error) आता है और हमें रीसेट (reset) करना पड़ता है।

क्या ये एक सुंदर लेकिन बेकार खिलौना था?

कुछ लोग मानते हैं कि शायद यह यंत्र सिर्फ दिखावे (display) के लिए बना था — एक ऐसा खिलौना जो कभी सटीक नहीं रहा। लेकिन फिर सवाल उठता है — अगर यह सटीक न होता, तो कोई इसे इतनी मेहनत और कौशल (craftsmanship) से क्यों बनाता?

शायद असली डिज़ाइन कुछ और था...

वैज्ञानिकों का एक और अनुमान (assumption) है कि शायद आज जो माप (measurements) हम ले रहे हैं, वे सही नहीं हैं। CT स्कैन (CT scans) की सीमा (limit) होती है, और 2,000 साल की जंग (corrosion) ने गियर की वास्तविक स्थिति (original condition) को बिगाड़ दिया हो सकता है। हो सकता है कि मूल डिज़ाइन (original design) वास्तव में बहुत सटीक और जाम-रहित (jam-free) रहा हो।

निष्कर्ष (Conclusion):

एंटीथाइकीथेरा मैकेनिज्म प्राचीन इंजीनियरिंग (ancient engineering) का एक अद्भुत (amazing) उदाहरण है। यह चाहे एक अत्याधुनिक (high-tech) खगोलीय यंत्र हो या एक जटिल (complex) खिलौना — यह दिखाता है कि प्राचीन काल में भी लोग कितने कुशल (skilled) और रचनात्मक (creative) थे।

और शायद, आज की सारी आधुनिक तकनीक (modern technology) के बावजूद, इस यंत्र का असली उद्देश्य (true purpose) हमेशा एक रहस्य (mystery) ही बना रहेगा।