ये क्षेत्र कहां पाए गए?
वैज्ञानिकों ने भूकंपीय डेटा (Seismic Data) का अध्ययन किया और पाया कि मेंटल में कुछ ऐसे विशाल क्षेत्र हैं जहां से गुजरने पर तरंगें धीमी हो जाती हैं। ये क्षेत्र पृथ्वी के कोर के करीब स्थित हैं और मुख्य रूप से प्रशांत महासागर और अफ्रीका के नीचे पाए गए हैं।
क्या ये प्राचीन महासागर की परतें हैं?
अध्ययन में इस बात के संकेत मिले हैं कि ये क्षेत्र वास्तव में **समुद्री प्लेटों (Oceanic Plates)** के अवशेष हो सकते हैं, जो **सबडक्शन ज़ोन (Subduction Zones)** में जाकर मेंटल के गहरे हिस्से में समा गए। यह प्रक्रिया करोड़ों वर्षों से चल रही है और इन प्लेटों के अवशेष आज भी वहां मौजूद हो सकते हैं।
टेक्टोनिक प्लेटों और मेंटल का कनेक्शन
- 🌍 सबडक्शन: जब एक टेक्टोनिक प्लेट दूसरी के नीचे धंसती है, तो वह पृथ्वी के मेंटल में गहराई तक चली जाती है।
- 🌊 महासागरीय परतें: महासागर की पपड़ी (Crust) घनी और ठंडी होती है, इसलिए वह कोर की ओर अधिक गहराई में पहुंच सकती है।
- 🔥 गर्म मेंटल में धीमी तरंगें: जब ये परतें पिघलती नहीं हैं, तो वे भूकंपीय तरंगों को धीमा कर देती हैं।
क्या इससे धरती के इतिहास का पता चलेगा?
यदि वैज्ञानिक यह पुष्टि कर पाते हैं कि ये क्षेत्र वास्तव में **प्राचीन महासागरीय प्लेटों** के अवशेष हैं, तो यह पृथ्वी के इतिहास को समझने में एक क्रांतिकारी खोज हो सकती है।
महत्वपूर्ण प्रश्न | संभावित उत्तर |
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ये क्षेत्र कितने पुराने हैं? | संभावना है कि ये 200-300 मिलियन साल पुराने हों। |
क्या ये पृथ्वी की आंतरिक बनावट को बदल सकते हैं? | हां, ये मेंटल के तापमान और चट्टानों की गतिशीलता को प्रभावित कर सकते हैं। |
निष्कर्ष
यह खोज **धरती के मेंटल और उसकी परतों** को लेकर हमारी समझ को नया रूप दे सकती है। अगर ये क्षेत्र वास्तव में **प्राचीन महासागरीय परतों** से बने हैं, तो इससे पृथ्वी के भूगर्भीय इतिहास को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।
क्या ये क्षेत्र कभी पूरी तरह पिघल जाएंगे? या फिर पृथ्वी के अंदर गहराई में छिपे रहेंगे? इस पर शोध जारी है। यदि आपको यह जानकारी रोचक लगी, तो **Like, Share और Comment** करना न भूलें!