विवरण: तारे विशाल गैस और धूल के बादलों से बनते हैं, जिन्हें नेब्युला कहा जाता है। जब इन बादलों में किसी प्रकार की हलचल होती है, तो यह पदार्थ संकुचित होने लगता है। जैसे-जैसे संकुचन बढ़ता है, इसका केंद्र गर्म और घना होता जाता है। इस प्रक्रिया में भारी दबाव और तापमान बढ़ने के कारण हाइड्रोजन परमाणु मिलकर हीलियम बनाते हैं, जिससे परमाणु संलयन (न्यूक्लियर फ्यूज़न) की प्रक्रिया शुरू होती है, और एक नया तारा जन्म लेता है।
विवरण: तारों का जीवन चक्र उनकी द्रव्यमान (मास) पर निर्भर करता है। कम द्रव्यमान वाले तारे धीरे-धीरे ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं और लंबे समय तक जलते हैं, जबकि अधिक द्रव्यमान वाले तारे तेजी से अपनी ऊर्जा समाप्त कर लेते हैं। एक तारे का जीवन तीन मुख्य चरणों में बँटा होता है: जन्म, मुख्य अनुक्रम (Main Sequence), और मृत्यु।
विवरण: मुख्य अनुक्रम चरण तारे का सबसे लंबा चरण होता है। इस समय तारा स्थिर रूप में हाइड्रोजन को हीलियम में बदलते हुए ऊर्जा का उत्सर्जन करता रहता है। यह अवस्था तब तक चलती है जब तक कि तारे के केंद्र में हाइड्रोजन की आपूर्ति समाप्त नहीं हो जाती। इस दौरान तारा स्थिर रूप से चमकता रहता है और इसका आकार और तापमान स्थिर रहता है।
विवरण: जब तारे के केंद्र में हाइड्रोजन समाप्त हो जाती है, तो इसके जीवन का अंतिम चरण शुरू होता है। कम द्रव्यमान वाले तारे लाल विशालकाय (Red Giant) बन जाते हैं और अंततः सफेद बौने (White Dwarf) में बदल जाते हैं। वहीं, बड़े द्रव्यमान वाले तारे सुपरनोवा विस्फोट के बाद न्यूट्रॉन स्टार या ब्लैक होल में बदल सकते हैं। तारे की मृत्यु का तरीका उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है और इसी कारण उसके अंतिम रूप का निर्धारण होता है।
विवरण: बड़े द्रव्यमान वाले तारे अपने जीवन के अंत में सुपरनोवा विस्फोट का अनुभव करते हैं। इस विस्फोट के बाद जो बचता है वह या तो न्यूट्रॉन स्टार होता है या फिर अत्यधिक द्रव्यमान होने पर ब्लैक होल में परिवर्तित हो जाता है। ब्लैक होल अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बल वाले क्षेत्र होते हैं, जहाँ से कुछ भी, यहाँ तक कि प्रकाश भी, बाहर नहीं निकल सकता।
विवरण: तारों का जीवन न केवल ब्रह्मांड को रोशन करता है बल्कि तत्वों का निर्माण भी करता है। तारे के अंदर होने वाले संलयन से कई भारी तत्व बनते हैं, जो बाद में सुपरनोवा विस्फोट के दौरान अंतरिक्ष में फैल जाते हैं। ये तत्व नए तारों, ग्रहों, और यहाँ तक कि जीवन के निर्माण के लिए आधार प्रदान करते हैं। इस प्रकार, तारे ब्रह्मांड के निर्माण और विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।