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🌍 पृथ्वी की कक्षा में बढ़ता अंतरिक्ष मलबा: ESA की नई रिपोर्ट में चेतावनी

1 अप्रैल को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट ने पृथ्वी के चारों ओर फैले अंतरिक्ष मलबे की स्थिति पर प्रकाश डाला है — यह समस्या कितनी गंभीर है, और हमें पृथ्वी की कक्षाओं को उपयोग के लायक बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, यदि अंतरिक्ष मलबे की समस्या को अनदेखा किया गया, तो पृथ्वी की कुछ कक्षाएं इतनी अधिक मलबे से भर सकती हैं कि उनका उपयोग करना असंभव हो सकता है।

🚀 "केसलर सिंड्रोम" का खतरा

ESA ने चेतावनी दी कि भले ही हम नया अंतरिक्ष मलबा बनाना बंद कर दें, लेकिन वर्तमान मलबे के टकराकर खुद ही टूटने और मलबे के बादल (debris clouds) बनाने की प्रक्रिया को नहीं रोका जा सकता — जिसे "Kessler syndrome" कहा जाता है।

1 सेंटीमीटर से बड़े मलबे के टुकड़ों की संख्या अनुमानित तौर पर 12 लाख से अधिक है। इनमें से 50,000 से अधिक टुकड़े 10 सेंटीमीटर से बड़े हैं, और ये उपग्रहों और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं।

ESA के अनुसार:

  • 1 सेंटीमीटर के आकार का मलबा (मटर के दाने जितना) भी सैटेलाइट को निष्क्रिय कर सकता है।
  • 10 सेंटीमीटर से बड़ा टुकड़ा किसी भी उपग्रह या यान को टुकड़ों में तोड़ सकता है।
  • 2016 में, एक बहुत ही छोटा मलबे का टुकड़ा ISS की खिड़की पर 7 मिमी का निशान छोड़ गया था।

🌐 क्यों बिगड़ रही है स्थिति?

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन प्रमुख कारण अंतरिक्ष मलबे की समस्या को और गंभीर बना रहे हैं:

  • लॉन्च की बढ़ती संख्या
  • छोटे और अधिक उपग्रहों की तैनाती
  • व्यावसायिक कंपनियों की बढ़ती भागीदारी

आज की तुलना में पहले कभी भी इतना ज्यादा स्पेस ट्रैफिक नहीं था। कई छोटे उपग्रह एक साथ लॉन्च किए जा रहे हैं, जिससे संभावित मलबा और भी बढ़ रहा है।

हालांकि कुछ मलबा वातावरण में जलकर खत्म हो जाता है या पृथ्वी पर गिर जाता है, लेकिन नई मलबे की मात्रा, पुरानी मलबे की समाप्ति से कई गुना ज्यादा है। ESA के अनुसार, अब औसतन प्रति दिन तीन से अधिक उपग्रह या रॉकेट पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर रहे हैं।

🛰️ समाधान क्या है?

ESA के अनुसार:

  • नए अंतरिक्ष यानों को इस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए कि वे अपनी सेवा समाप्ति के 5 वर्षों के भीतर जलकर समाप्त हो जाएं। इससे पहले यह सीमा 25 वर्ष थी।
  • पहले से मौजूद मलबे के लिए, सक्रिय रूप से मलबा हटाने की आवश्यकता है, ताकि यह समस्या नियंत्रण से बाहर न हो जाए।

ESA का "ClearSpace-1 मिशन", जिसे 2028 में लॉन्च किया जाना है, पहली बार किसी निष्क्रिय उपग्रह को पकड़कर हटाने का प्रयास करेगा — यह सक्रिय मलबा हटाने (active debris removal) का पहला उदाहरण होगा।