Image Credit : JUAN GARTNER via Getty Images

🌍☄️ James Webb ने ‘सिटी-किलर’ एस्टेरॉइड 2024 YR4 को देखा, पृथ्वी सुरक्षित, चंद्रमा पर खतरा बरकरार!

🚀 James Webb Space Telescope (JWST) ने पहली बार 2024 YR4 एस्टेरॉइड का अध्ययन किया। यह एस्टेरॉइड दिसंबर 2032 में पृथ्वी और चंद्रमा के बेहद करीब से गुजरेगा।

🔭 क्या JWST ने पृथ्वी के लिए खतरा बताया?

हाल ही में NASA द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, **James Webb टेलीस्कोप की पहली ऑब्जरवेशन से यह पुष्टि हो चुकी है कि पृथ्वी पर 2024 YR4 का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।** हालांकि, **चंद्रमा पर टकराने की संभावना बनी हुई है।**

📅 2024 YR4: कब खोजा गया और यह कितना बड़ा है?

  • 📍 पहली बार खोज: दिसंबर 2024 में वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉइड की खोज की।
  • 📏 आकार: यह **180 फीट (55 मीटर) चौड़ा** है, यानी **झुकी हुई पीसा की मीनार (Leaning Tower of Pisa) के बराबर।**
  • ☄️ खतरा: यह एस्टेरॉइड **पृथ्वी के ऑर्बिट को बार-बार क्रॉस करता है,** जिससे भविष्य में संभावित टकराव की संभावना बनी रहती है।

🔎 JWST की ऑब्जरवेशन में क्या पता चला?

फरवरी 2025 में **इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमर्स की टीम** को इस एस्टेरॉइड पर अध्ययन करने के लिए इमरजेंसी टेलीस्कोप समय दिया गया था। JWST के डेटा से पता चला कि:

  • 🌑 2024 YR4 **पहले की तुलना में बड़ा और अधिक चट्टानी (rocky) है।**
  • 🌎 पृथ्वी के लिए खतरा टल गया है, क्योंकि अब यह 2032 में टकराने की संभावना नहीं रखता।
  • 🌕 चंद्रमा पर टकराने की संभावना अभी भी बनी हुई है।

⚠️ अगर एस्टेरॉइड पृथ्वी से टकराता तो?

यदि 2024 YR4 पृथ्वी से टकराता, तो यह **500 हिरोशिमा बमों के बराबर ऊर्जा विस्फोट** कर सकता था, जिससे एक पूरा शहर नष्ट हो सकता था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एस्टेरॉइड **चंद्रमा से टकराने की स्थिति में चंद्रमा की सतह पर बड़े प्रभाव क्रेटर (impact crater) बना सकता है।**

📡 आगे क्या?

JWST की **अगली ऑब्जरवेशन मई 2025 में** होगी, जिसके बाद यह एस्टेरॉइड सौर मंडल के बाहरी क्षेत्र में चला जाएगा और कुछ वर्षों तक दिखाई नहीं देगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह अध्ययन **भविष्य में पृथ्वी के लिए संभावित खतरों का विश्लेषण करने में मदद करेगा।**

🔍 निष्कर्ष

📢 **पृथ्वी सुरक्षित है, लेकिन चंद्रमा अभी भी खतरे में!** JWST की यह ऐतिहासिक खोज भविष्य में एस्टेरॉइड ट्रैकिंग और ग्रह रक्षा प्रणाली (Planetary Defense) के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।