Image Credit : Heywood, SARAO

🌪️ वैज्ञानिकों ने पहली बार 'स्पेस टॉर्नेडो' को इतनी स्पष्टता से देखा है, जो मिल्की वे के केंद्र में स्थित सुपरमैसिव ब्लैक होल के पास घूम रहे हैं। यह खोज Atacama Large Millimeter/submillimeter Array (ALMA) टेलीस्कोप की 100 गुना तेज़ तस्वीरों से संभव हो पाई।

🔭 ALMA टेलीस्कोप का उपयोग करके खगोलविदों ने Central Molecular Zone (CMZ) की जाँच की, जो हमारी आकाशगंगा के केंद्र में गैस और धूल से भरा एक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में रहस्यमयी तेज़ घूमती हुई लंबी और पतली संरचनाएँ पाई गईं, जो पहले कभी नहीं देखी गई थीं।

🌀 ये 'स्पेस टॉर्नेडो' बेहद तेज़ी से घूमते हैं और अपने आसपास के गैस और धूल के बादलों को प्रभावित करते हैं। इनका मूवमेंट आसपास की संरचनाओं के विपरीत दिशा में है, जिससे वैज्ञानिकों को बड़ा आश्चर्य हुआ। Shanghai Jiao Tong University के खगोलशास्त्री Kai Yang ने कहा, "ये संरचनाएँ हमारी अब तक की जानकारी से बिल्कुल अलग हैं।"

🌍 इन टॉर्नेडो में सिलिकन मोनोऑक्साइड जैसे अणु पाए गए हैं, जो ब्रह्मांडीय झटकों (shock waves) को दर्शाते हैं। इसके अलावा, इन बवंडरों के माध्यम से मेथनॉल, मिथाइल सायनाइड और सायनोएसिटिलीन जैसे जैविक अणु पूरे आकाशगंगा में फैल सकते हैं।

🧬 वैज्ञानिकों का मानना है कि ये 'स्पेस टॉर्नेडो' जीवन निर्माण की प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि ये जैविक अणुओं को अंतरिक्ष में फैला सकते हैं। इस खोज से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि आकाशगंगा में जीवन की संभावनाएँ कैसे विकसित हो सकती हैं।

🚀 क्या यह खोज हमें ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति के और करीब ले जा सकती है? यह जानने के लिए वैज्ञानिक अब और गहराई से स्पेस टॉर्नेडो का अध्ययन करेंगे।