विवरण: हमारी आकाशगंगा, जिसे मिल्की वे कहते हैं, एक सर्पिल गैलेक्सी है जिसमें अरबों तारे, गैस, धूल और अन्य खगोलीय पिंड शामिल हैं। यह लगभग 100,000 प्रकाश वर्ष में फैली हुई है और इसके केंद्र में एक विशाल ब्लैक होल है। मिल्की वे में कई सर्पिल भुजाएँ हैं, जिनमें हमारा सौर मंडल स्थित है।
विवरण: गैलेक्सियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं जैसे कि सर्पिल (Spiral), अण्डाकार (Elliptical), और अनियमित (Irregular)। सर्पिल गैलेक्सियों में सर्पिल भुजाएँ होती हैं, जबकि अण्डाकार गैलेक्सियाँ अण्डाकार आकार की होती हैं और इनमें नई तारों का निर्माण धीमा होता है। अनियमित गैलेक्सियाँ बिना किसी निश्चित आकार के होती हैं और इनमें तारों का असमान वितरण होता है।
विवरण: एंड्रोमेडा हमारी निकटतम बड़ी गैलेक्सी है और यह भी एक सर्पिल गैलेक्सी है। एंड्रोमेडा और मिल्की वे धीरे-धीरे एक दूसरे की ओर बढ़ रहे हैं और वैज्ञानिक मानते हैं कि आने वाले अरबों वर्षों में ये दोनों गैलेक्सियाँ आपस में विलीन हो जाएँगी। एंड्रोमेडा हमारी गैलेक्सी की तुलना में आकार में बड़ी है और इसमें भी तारों और गैस के विशाल समूह शामिल हैं।
विवरण: गैलेक्सियाँ अकेले नहीं होतीं; वे समूहों और समूहमंडलों में पाई जाती हैं। हमारी मिल्की वे "लोकल ग्रुप" का हिस्सा है, जिसमें एंड्रोमेडा और अन्य छोटी गैलेक्सियाँ शामिल हैं। इन समूहों के कारण गैलेक्सियों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल प्रभाव डालते हैं, जिससे वे एक-दूसरे के नजदीक आ सकती हैं और कभी-कभी विलय भी कर सकती हैं।
विवरण: गैलेक्सियों का विकास अरबों वर्षों से हो रहा है। प्रारंभिक ब्रह्मांड में केवल छोटे गैस और धूल के बादल थे, जो संकुचन के कारण गैलेक्सियों का निर्माण करने लगे। गैलेक्सियों का आकार, संरचना और विकास उनके आसपास के वातावरण और उनके बीच की टक्कर पर निर्भर करता है। गैलेक्सियों का अध्ययन करके वैज्ञानिक ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे मे