नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जिनका अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर आठ दिन का मिशन निर्धारित था, अब बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की तकनीकी समस्याओं के कारण छह महीने से अधिक समय तक फंसी हुई हैं। यहाँ उनकी स्थिति का एक संक्षिप्त विवरण है:
सुनीता ने 5 जून, 2024 को ISS के लिए उड़ान भरी, साथी अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर के साथ। यह मिशन केवल आठ दिनों के लिए निर्धारित था, लेकिन स्टारलाइनर में आई समस्याओं के कारण इसे काफी बढ़ा दिया गया है।
अंतरिक्ष यान में कई समस्याएँ आईं, जिनमें हेलियम लीक और थ्रस्टर की विफलताएँ शामिल थीं। इन समस्याओं के कारण नासा ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया कि उन्हें स्टारलाइनर पर वापस नहीं लाया जाएगा।
हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि सुनीता ने अपने लंबे प्रवास के दौरान काफी वजन घटाया है। तस्वीरों में वह कमजोर दिखाई दे रही हैं, जिससे संभावित पोषण की कमी के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं—जो लंबे मिशनों पर अंतरिक्ष यात्रियों को आमतौर पर सामना करना पड़ता है। नासा के अधिकारियों ने उनकी चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया है, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने "काफी वजन खो दिया है" और उनके गाल अंदर धँस गए हैं।
उनकी वापसी अब फरवरी 2025 तक स्थगित हो गई है, और नासा सुनीता और विल्मोर को वापस लाने के लिए स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल का उपयोग करने की योजना बना रहा है। यह निर्णय बोइंग के स्टारलाइनर कार्यक्रम द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों को उजागर करता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस तरह के लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के शारीरिक प्रभावों पर चिंता जताई है। डॉ. विनय गुप्ता, एक पल्मोनोलॉजिस्ट, ने बताया कि सुनीता की उपस्थिति से यह पता चलता है कि वह माइक्रोग्रैविटी वातावरण में लंबे समय तक रहने के तनाव का सामना कर रही हैं।
वर्तमान में, दोनों अंतरिक्ष यात्री ISS पर बने हुए हैं, जहाँ वे अपना काम जारी रखते हैं जबकि नासा उनकी स्वास्थ्य और भलाई की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
यह स्थिति न केवल अंतरिक्ष मिशनों की अनिश्चितता को उजागर करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि सुनीता विलियम्स जैसे अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी असाधारण करियर में अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करने के लिए कितनी दृढ़ता चाहिए।